हृदय रोग आज के समय में एक बड़ी समस्या बन चुका है और इसका प्रभाव महिलाओं पर भी पड़ता है। लेकिन, बहुत सारे लोगों की धारणा है कि हृदय रोग मुख्य रूप से पुरुषों को होता है, लेकिन यह सत्य है कि महिलाओं में भी हृदय रोग के लक्षण हो सकते हैं।महिलाओं में हृदय रोग के लक्षण को अनदेखा कर दिया जाता है, जिससे समस्या की गंभीरता बढ़ सकती है। इस लेख में, हम महिलाओं में हृदय रोग के लक्षण पर विचार करेंगे।
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1. छाती में दर्द या दबाव की अनुभूति:
हृदय रोग के एक प्रमुख लक्षण में से एक है छाती में दर्द या दबाव की अनुभूति। यह दर्द हाथ, कंधों, जांघों या पेट तक पसर सकता है। यदि किसी महिला को ऐसा लगता है कि उसकी छाती में दबाव है या दर्द हो रहा है, तो उसे तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए।
2. सांस लेने में तकलीफ या फिर सांस की तीव्रता की कमी:
हृदय रोग के लक्षणों में ध्यान देने योग्य एक और संकेत है सांस लेने में तकलीफ या सांस की तीव्रता की कमी। यदि किसी महिला को अचानक सांस लेने में तकलीफ होती है या उसे असामान्य सांस की तीव्रता का अनुभव होता है, तो वह तुरंत चिकित्सक से परामर्श करें।
3. हाथों, पैरों, गर्दन या ज़ुबान में अनियमित दर्द या चुभन:
हृदय रोग के अन्य लक्षण में अनियमित दर्द या चुभन भी होता है। यह दर्द या चुभन हाथों, पैरों, गर्दन या ज़ुबान में हो सकता है। यदि किसी महिला को इस तरह का दर्द महसूस होता है, तो उसे तुरंत चिकित्सक सलाह लेनी चाहिए।
4. असामान्य थकावट या कमजोरी की अनुभूति:
हृदय रोग के लक्षणों में से एक और लक्षण है असामान्य थकावट या कमजोरी की अनुभूति। यदि किसी महिला को असामान्य रूप से थकावट का अनुभव होता है या उसे अचानक से बहुत ज्यादा कमजोरी महसूस होती है, तो वह डॉक्टर से मिलने के लिए जाना चाहिए।
5. चक्कर आना:
हृदय रोग के अन्य लक्षणों में से एक है नीले या चक्कर आना। यदि किसी महिला को अक्सर चक्कर आने लगते हैं या वह नीले होने का अनुभव करती है, तो उसे तुरंत चिकित्सक की सलाह लेनी चाहिए।
6. उच्च तरल रक्तचाप या निम्न रक्तचाप:
हृदय रोग के एक और लक्षण है उच्च तरल रक्तचाप या निम्न रक्तचाप। यदि किसी महिला को नियमित रूप से उच्च या निम्न रक्तचाप होता है, तो वह डॉक्टर से परामर्श करना चाहिए।
7. अचानक अस्वस्थता या थकान:
हृदय रोग के एक और संकेत में अचानक अस्वस्थता या थकान शामिल है। यदि किसी महिला को बिना किसी कारण के अचानक अस्वस्थ महसूस होता है या वह बहुत ज्यादा थक जाती है, तो वह डॉक्टर को सूचित करना चाहिए।
8. अनियमित दिल की धड़कन:
हृदय रोग के लक्षण में अनियमित दिल की धड़कन भी होती है। यदि किसी महिला को अनियमित रूप से दिल की धड़कन का अनुभव होता है, तो उसे डॉक्टर से मिलकर जांच करवानी चाहिए।
9. बदलती आहार या पेट में अस्वस्थता की अनुभूति:
हृदय रोग के अन्य लक्षण में शामिल हैं बदलती आहार या पेट में अस्वस्थता की अनुभूति। यदि किसी महिला को अनियमित रूप से पेट में अस्वस्थता महसूस होती है या उसका आहार बदल जाता है, तो वह डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए।
10. हड्डियों या शरीर के अन्य हिस्सों में अचानक दर्द या सुस्ती की अनुभूति:
हृदय रोग के अन्य लक्षण में अचानक हड्डियों या शरीर के अन्य हिस्सों में दर्द या सुस्ती का अनुभव हो सकता है। यदि किसी महिला को इस तरह का दर्द महसूस होता है, तो वह डॉक्टर से संपर्क करें।
महिलाओं में हृदय रोग के लक्षण पुरुषों की तुलना में अलग हो सकते हैं। इसलिए, महिलाओं को अपने स्वास्थ्य को लेकर सतर्क रहना चाहिए और यदि वे उपरोक्त लक्षणों का सामना करती हैं, तो उन्हें तुरंत डॉक्टर से परामर्श करना चाहिए। यदि हृदय रोग का समय पर पता नहीं चला तो यह जीवन के खतरनाक हो सकता है। ध्यान रखें, स्वास्थ्य पर ध्यान देना हमारे सबसे बड़े धन है।